इस्लामी चंद्र कैलेंडर और 4 हराम महीनों के पीछे कोई हिकमत नहीं

मुहम्मद जब अपना नया दीन बना रहे थे तो उन्होंने यहूदियों-ईसाइयों से खूब उधार लिया। एक अल्लाह, नबी, फरिश्ते –...

इस्लाम का सच: आस्था या मौलानाओं की गुलामी?

जब आस्था ग़ुलामी बन जाए एक बेबाक नज़र आज के मुसलमान की दीनदारी पर किसी ज़माने में कहा जाता था...