मस्जिद में जुम्मा : अल्लाह की तवक्कुल की तकरीर और इंसानों की झोली

जुम्मे का खुत्बा : अल्लाह ही रज़्ज़ाक है, उसी से मांगो   जुम्मे की नमाज़ से पहले इमाम साहब ने...

क्या तुम्हारा मज़हब सच में तुम्हारा है?

कभी एक पल को रुककर गहराई से सोचा है कि जिस मज़हब के लिए तुम जीते हो, मरते हो, और...

इस्लाम का सच: आस्था या मौलानाओं की गुलामी?

जब आस्था ग़ुलामी बन जाए एक बेबाक नज़र आज के मुसलमान की दीनदारी पर किसी ज़माने में कहा जाता था...