27 नवंबर 2025
पिछले जून में सिर्फ़ 12 दिनों में इज़रायल ने वो कर दिखाया जो दुनिया की कोई सेना शायद ही कर पाती। 1500 मील दूर ईरान के अंदर घुसकर उसने तेहरान के परमाणु प्रोग्राम को राख कर दिया, 70% बैलिस्टिक मिसाइलें उड़ा दीं और मिसाइल बनाने वाली फैक्ट्रियाँ भी तबाह कर दीं।
अमरीका के तीन रिटायर्ड जनरलों ने पूरी जंग का पोस्टमॉर्टम किया और रिपोर्ट का टाइटल ही रखा: “ऑपरेशन राइज़िंग लॉयन – इज़रायल की 12 दिन की ईरान जंग”
इन तीनों ने साफ़ लिखा: “ये शायद मेरी ज़िंदगी में देखी गई सबसे प्रभावशाली मिलिट्री ऑपरेशन है।”
जंग कैसे शुरू हुई?
ईरान 2027 तक 8000 बैलिस्टिक मिसाइलें और परमाणु बम बनाने की दहलीज़ पर था। इज़रायल ने इंतज़ार नहीं किया। 13 जून सुबह-सुबह 30 बड़े-बड़े IRGC कमांडर, न्यूक्लियर साइंटिस्ट और मिसाइल एक्सपर्ट – चार मिनट में ख़त्म। ईरान का कमांड-एंड-कंट्रोल सिस्टम तुरंत लकवाग्रस्त।
मोसाद का कमाल
मोसाद ने ईरान के अंदर 100 से ज़्यादा एजेंट पहले से बैठा रखे थे। इनमें से कई ईरानी यहूदी थे जो इज़राइल से ट्रेनिंग लेकर वापस गए। जंग शुरू होते ही इन एजेंट्स ने ज़मीन से ही ईरान की मिसाइल लॉन्चर और एयर डिफ़ेंस सिस्टम तबाह कर दिए। इज़रायली F-35 और F-15 को रास्ता साफ़ मिला – एक भी जहाज़ नहीं गिरा।
12 दिन में क्या-क्या उड़ाया?
- नतांज़ और फ़ोरडो – यूरेनियम एनरिचमेंट प्लांट ज़मीन
- अराक हैवी वॉटर रिएक्टर – पूरी तरह तबाह
- 2500 में से 1700 बैलिस्टिक मिसाइलें + बनाने वाली फ़ैक्टरियाँ
- ईरान ने कुल 525 मिसाइलें चलाईं – सिर्फ़फ 50-60 इज़रायल पहुँचीं, सिर्फ़ 8 सिविलियन मरे
अरब देशों ने भी की मदद
जॉर्डन ने ईरानी ड्रोन्स मार गिराए। सऊदी अरब ने एयरस्पेस खोल दिया। सबको पता था – ईरान इनसे भी बड़ा खतरा है।
अमरीकी जनरलों ने क्या कहा?
रिपोर्ट लिखने वाले तीन जनरल:
- लेफ़्टिनेंट जनरल रॉबर्ट एश्ले (पूर्व डिफ़ेंस इंटेलिजेंस एजेंसी चीफ़)
- जनरल चार्ल्स वाल्ड (पूर्व यूरोपियन कमांड डिप्टी)
- वाइस एडमिरल मार्क फ़ॉक्स (पूर्व सेंट्रल कमांड डिप्टी)
वाल्ड साहब ने कहा: “30 साल की प्लानिंग एक साथ फूट पड़ी। इंटेलिजेंस, टेक्नोलॉजी, सरप्राइज़ – सब परफ़ेक्ट।”
अब आगे क्या?
ईरान फिर से न्यूक्लियर प्रोग्राम शुरू करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इज़रायल हर हफ़्ते ड्रोन से नज़र रख रहा है। इज़रायल की नई लेज़र-बीम सिस्टम (लेज़र वाली एंटी-मिसाइल) अब डिप्लॉय हो रही है – एक शॉट की क़ीमत सिर्फ़ 10-15 रुपए।
ईरान का “रिंग ऑफ़ फ़ायर” टूट चुका है। हिज़्बुल्लाह, हमास, हूती – सब कमज़ोर।
आख़िरी लाइन
नेतन्याहू ने जंग शुरू करते वक़्त बाइबल की एक आयत पढ़ी थी: “यहूदा का शेर उठेगा।”
12 दिन बाद दुनिया ने देख लिया – शेर सचमुच उठा था।
और इस बार उसने पूरी जंग 12 दिन में ख़त्म कर दी।
(स्रोत: JINSA रिपोर्ट “Operation Rising Lion”, Jerusalem Post, Times of Israel, नवंबर 2025)





